केन्द्रीय विद्यालयओ.एन.जी.सी अंकलेश्वर, भारक शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एवं स्वायत्त निकायसीबीएसई संबद्धता संख्या: 400010 सीबीएसई स्कूल संख्या: 14103
- Sunday, December 22, 2024 10:57:38 IST
प्रिय पाठक
यह मुझे हमारे विद्यालय पत्रिका के एक और संस्करण को आपके लिए समर्पित करने में बहुत खुशी देता है। मेरा एक मजबूत अंतर्ज्ञान है जिसे आप अच्छी तरह से प्राप्त करेंगे और हमारे छात्रों के साहित्यिक बोनान्ज़ा को पढ़ने का आनंद लेंगे। उन्होंने पूरी कल्पना को वास्तविकता में बदलने की पूरी कोशिश की है। आशा है कि यह आपको निराश नहीं करेगा और इस खजाने में मेरे प्रिय छात्रों के दिमाग में एम्बेडेड रचनात्मकता के विशाल सागर से केवल कुछ बूंदें हैं। आप सह-पाठ्यचर्या, अतिरिक्त पाठ्येतर, खेल जैसी विभिन्न गतिविधियों में प्राप्त कई छात्रों के मील के पत्थर की सराहना करेंगे। और खेल, विभिन्न ओलंपियाड, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान प्रदर्शनियां, समाचार पत्र शिक्षा में भागीदारी (एनआईई) आदि। क्लस्टर, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तरों में विभिन्न गतिविधियों में लाए गए लहजे अद्भुत और प्रशंसा के योग्य हैं। केवीएस राष्ट्रीय खेलों के अलावा एसजीएफआई (स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) में प्राप्त की गई उपलब्धियों को इस विद्यालय की टोपी में एक और पंख है। आने वाले दिनों में कई पंखों की उम्मीद है, क्योंकि हम होप में रहते हैं और होप हमारी ताकत है।
आइए हम कड़ी मेहनत और ईमानदारी की कुंजी के माध्यम से ज्ञान के विशाल खजाने को अनलॉक करें। हमें प्रेरणा और प्रेरणा की उत्साही हवा में प्रवाहित करें।
मैं इस सुंदर पत्रिका को बाहर लाने के उनके अथक प्रयासों के लिए बोर्ड ऑफ एडिटर्स का आभार व्यक्त करता हूं। मेरा भी माननीय उपायुक्त श्रीमती ए.पी.भल्ला को समर्थन और मार्गदर्शन देने के लिए मेरा गहरा आभार व्यक्त करें। हमारे माननीय वीएमसी अध्यक्ष श्री. डी. एम. आर. शेखर, एसेटमैनगर, ओएनजीसी अंकलेश्वर एसेट और सम्मानित श्री संजीव सहगल, अध्यक्ष नॉमिनी वीएमसी और डीजीएम - आई / सी एचआर-ईआर, ओएनजीसी अंकलेश्वर विद्यालय के सहयोग और समर्थन के लिए उनकी प्रशंसा के पात्र हैं।
अंत में मैं यह कहना चाहूंगा कि हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि हम सफलता की सीढ़ियां चढ़ें और केंद्रीय विद्यालय संगठन और समाज की उम्मीदों को पूरा करें।
मेरी चापलूसी करो, मैं तुम्हें विश्वास नहीं कर सकता
मेरी आलोचना करो, मैं तुम्हें पसंद नहीं कर सकता
मेरी उपेक्षा करो, मैं तुम्हें क्षमा नहीं कर सकता
मुझे प्रोत्साहित करें, मैं आपको नहीं भूलूंगा
श्री मनीष जैन